Lakshya Sen vs HS Prannoy Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई को पेरिस ने हुआ है और Paris Olympics 2024 में भारत की तरफ से अब तक कई एथलीट्स ने शानदार प्रदर्शन दिखाया जिसमें भले ही वह मेडल जीतने से चूक गए, पर अबतक भारत को शूटिंग में तीन ब्रॉन्ज मिल चुका है, वहीं बैडमिंटन में अभी 3 भारतीय खिलाड़ी प्री-क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह को पक्का कर चुके हैं, जिसमें महिला सिंगल में पीवी सिंधु तो वहीं पुरुष सिंगल के इवेंट में लक्ष्य सेन तथा एचएस प्रणय ने अपनी जगह को पक्का किया है। वहीं पुरुष प्री-क्वार्टर फाइनल में भारत का एक ही badminton खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह को पक्का करने में कामयाब हो पाएगा क्योंकि Lakshya Sen vs HS Pranoy एक-दूसरे के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलेंगे, आज शाम को दोनो के बीच मुकाबला होना है और जो भी यह मैच जीतता है वह आगे मेडल के लिए मैच भारत की ओर से खेलते नजर आएगा।
इस वजह से Lakshya Sen vs HS Pranoy के बीच हो रहा प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबला :
आपको बता दे कि Lakshya Sen तथा एचएस प्रणय एक-दूसरे के खिलाफ पेरिस ओलंपिक में इस वजह से खेल रहे हैं क्योंकि जब इस इवेंट के लिए ग्रुप स्टेज के ड्रॉ घोषित किए गया था तब यह तय हो गया था कि हर ग्रुप से राउंड 16 में पहुंचने वाले खिलाड़ी को अपने से ठीक बाद वाले ग्रुप से क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ी के खिलाफ मुकाबला खेलने की आवश्यकता होगी, और ऐसे में HS Pranoy जिस ग्रुप के का हिस्सा थे वह लक्ष्य सेन के खिलाफ जो ग्रुप एल का हिस्सा हैं उनसे प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलना पड़ रहा है, दोनों ही खिलाड़ियों का अब तक इस टूर्नामेंट में बेहतरीन फॉर्म देखने को मिला है ऐसे में आज होने वाला दोनो के बिच मुकाबला रोमांचक होने की पूरी उम्मीद भी जताई जा रही है।
Lakshya Sen ने जीते हैं अब तक 4 मुकाबले :
वही आपको बता दे कि Lakshya Sen vs HS Pranoy पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट में एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला खेलने उतर रहे हैं, इससे पहले अब तक दोनों ने 7 बार एक-दूसरे का आमना-सामना किया है, जिसमें लक्ष्य सेन का पलड़ा थोड़ा भारी रहा है जिसमें उन्होंने 4 बार प्रणय के खिलाफ जीत दर्ज की है तो वहीं प्रणय सिर्फ 3 मैचों को अपने नाम करने में कामयाब हो सके हैं। ऐसे में हमारे दोनो खिलाड़ी तगड़े है, और आज देखने को मिलता है की आगे किसका रास्ता क्लियर होता है और किसे मेडल की उम्मीद छोड़ना पड़ेगा।
Writer : Aman Kapson